सरकारी स्कूलों के 10 वीं व 12 वीं के बच्चों को स्मार्टफोन देने की तैयारी


 कोरोना के कारण राज्य में 17 मार्च 2020 से विद्यालय बंद है . शिक्षा विभाग की ओर से इस दौरान विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं . हालांकि , सरकारी स्कूल के ज्यादातर विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने के कारण स्कूलों में नामांकित
 ( क्लास एक से लेकर 12 वीं तक ) लगभग 42 लाख बच्चों में से सिर्फ 13 लाख तक ही ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल पहुंच रहा है . 10 वीं व 12 वीं ( सत्र 2021-22 ) के 3 लाख 70 हजार विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं हो , इसके लिए राज्य सरकार ने मोबाइल फोन ( स्मार्ट फोन ) देने की तैयारी की है . स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया है . प्रस्ताव अब वित्त विभाग को भेजा जायेगा . वहां से सहमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी . प्रस्ताव के अनुसार , सरकारी हाइस्कूल व प्लस टू स्कूल के साथ साथ मान्यता प्राप्त स्कूल - कॉलेज के विद्यार्थियों को भी मोबाइल फोन दिया जा सकता है . प्रस्ताव में मोबाइल वितरण पर होनेवाले अनुमानित खर्च का भी आकलन किया गया है . राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के 46 फीसदी अभिभावकों के पास ही स्मार्ट फोन है . असर संस्था द्वारा पिछले वर्ष बच्चों के पठन - पाठन को लेकर तैयार की गयी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है .वैश्विक महामारी कोरोना से निबटने में झारखंड पुलिस की भूमिका अहम रही . पहली लहर में एक ओर जहां उन्होंने भूखों को खाना खिलाया , बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया व लावारिस शवों का दाह संस्कार कर मानवता की मिसाल पेश की . वहीं दूसरी लहर में पुलिस आर्थिक रूप से गरीब बच्चों की सुध लेगी . वैसे बच्चे जो तंगी के कारण लैपटॉप , कंप्यूटर स्मार्ट फोन नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं . उन बच्चों के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा ने उपकरण बैंक खोलने का निर्णय लिया है . इसके तहत आम लोगों से पुराने स्मार्टफोन , लैपटॉप और कंप्यूटर दान करने की अपील

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